Biggies Burger Success Story: 20 हजार रूपये से शुरु किया बर्गर का बिजनेस, जानें कैसे इस शख्स ने बनाई
- Shibasish Biggies
- Jul 26, 2023
- 3 min read
बिराजा राउत दिन में ऑफिस में काम करते थे और वीकेंड पर ऑफिस के पास कियॉस्क पर बर्गर बेचते थे. बिगीज बर्गर का संघर्ष तब शुरू हुआ, जब उनके एक कस्टमर ने इसकी फ्रेंचाइजी खोल ली.

TV9 Bharatvarsh | Updated on: Jul 04, 2023 | 8:15 PM
भारत में फास्ड फूड कल्चर लगातार बढ़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए IT(आईटी) प्रोफेशनल बिराजा राउत ने इस इंडस्ट्री में कदम रखने का फैसला लिया. 21 साल तक उन्होंने बर्गर नहीं खाया था. लेकिन पहली बार इसे खाने के बाद उसके दिमाग में इसे और बड़ा करने का ख्याल दिया.
अपने इस आइडिया को बिजनेस को तब्दील करते हुए साल 2016 में बिराजा राउत ने क्विक सर्विस रेस्तरां चेन ‘बिगीज बर्गर’ की शुरुआत की. उनका लक्ष्य था कि वो ग्राहकों को जल्द से जल्द ग्रिल्ड बर्गर उपलब्ध कराए. ब्रांड स्टोरी में आज हमको बिराजा राउत की सफलता की कहानी बताएंगे.
‘बर्गर एक संपूर्ण भोजन है’
हाल ही मीडिया से बातचीत करते हुए बिराजा राउत ने दावा किया था कि उनका बर्गर कोई सिंगल खाद्य पदार्थ नहीं है. बल्कि ये अपने आप में एक संपूर्ण भोजन है. उन्होंने दावा किया बिगीज बर्गर का बर्गर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और सब्जियों का कॉम्बिनेशन है. ये बर्गर खाने की डाइनिंग टेबल पर एक पूरे मील की जरूरत को पूरी कर सकता है. उन्होंने बताया कि जब वो 21 साल की उम्र में इंफोसिस में काम करने के लिए बेंगलुरु शिफ्ट हुए थे तब उन्होंने पहली बार इसका स्वाद चखा. पहली बार में ही उन्हें ये बेहद पसंद आया. इसके बाद उन्होंने तरह-तरह के बर्गर पर रिसर्च करना शुरू कर दिया.
बर्गर को लोकल ब्रांड बनाने का आइडिया कहां से आया?
बर्गर पर जब वो रिसर्च कर रहे थे. तब उन्होंने पाया कि भारत में बर्गर का कोई भी लोकल ब्रांड नहीं है, जो ग्लोबल लेवल पर एक स्वाद दे सके. लोगों को अच्छे बर्गर के लिए केएफसी या बर्गर किंग जैसी अमेरिकी बर्गर चेन का सहारा लेना पड़ता है. यहीं से बर्गर बनाने का आइडिया उनके दिमाग में आया. शुरुआत में उनके पास न पैसे थे और न ही उन्हें बिजनेस का कोई अनुभव था. सिर्फ 20,000 रुपये में उन्होंने भारतीय क्यूआरएस बर्गर चेन शुरू की. राउत ने यूट्यूब और ब्लॉग के माध्यम से बर्गर के बारे में बेसिक बातें सीखीं और 25 वर्ग फुट के एक छोटे कियोस्क से शुरुआत की.
वीकेंड पर बेचते थे बर्गर
राउत दिन में ऑफिस में काम करते थे और वीकेंड पर ऑफिस के पास कियॉस्क पर बर्गर बेचते थे. बिगीज बर्गर का संघर्ष तब शुरू हुआ, जब उनके एक कस्टमर ने इसकी फ्रेंचाइजी खोल ली. राउत ने बताया कि आज हम एक फ्रेंचाइजी वाले बिजनेस में हैं. अपने प्रोडेक्ट की क्वालिटी पर हम सबसे ज्यादा तैयारी करते हैं. हम बिगीज एंटरप्रेन्योर के जरिए नई फ्रेंचाइजी खोलने से पहले लोगों को ट्रेनिंग देते हैं.
क्या है बिगीज बर्गर का लक्ष्य?
बिराजा राउत ने कहा कि आने वाले समय में बिगीज बर्गर का लक्ष्य टियर 2 और टियर 3 शहरों पर अधिक है. यहां के लोगों को अभी भी एक ऑथेंटिक बर्गर का स्वाद नहीं मिल सका है. उनका मिशन है कि भारतीय स्वाद वाले इस बर्गर को इंटरनेशनल लेवल पर पहुंचाएं. बर्गर के साथ-साथ राउत ने हाल ही में बिग कैफे नाम से एक कैफे बिजनेस भी शुरू किया है. राउत का मानना है कि उनकी यूएसपी उनके प्रोडेक्ट की क्वालिटी है और वो इसे हर हाल में बनाए रखते हैं. बिगीज बर्गर ने का सालाना रेवेन्यू 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
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